Movement Strategy/Recommendations/Identify Topics for Impact/hi
क्या
हमारा आंदोलन तब प्रभावशाली होता है, जब किसी का जीवन विकिमीडिया परियोजनाओं की सामग्री का प्रयोग करके या उन परियोजनाओं में भाग लेकर समृद्ध होता है। फिर भी, फिलहाल, हम इस प्रभाव को नहीं समझते तथा इसे नापने के लिए हमारे पास साधन भी नहीं हैं। हमारे पास यह साधन भी नहीं हैं कि कौन से विषय विश्व में सबसे प्रभावशाली हैं। कार्यनीतिक दिशा उस सामग्री को विकसित करने और उसकी पहुँच बढ़ाने की ज़रूरत को तय करती है, जो शक्ति और विशेषाधिकार की संरचनाओं के कारण ऐतिहासिक रूप से छूट गई थी। इसके साथ ही, ऐसे दूसरे क्षेत्र भी हैं जिनपर बड़ा प्रभाव पड़ेगा - जैसे मानवता तथा उसके भविष्य से संबंधित बड़ी विषय-वस्तु, जैसे यूएन स्थिर विकास लक्ष्य।
विकिमीडिया परियोजनाओं के बारे में सोचते समय, हम अपनी सामग्री का मूल्य केवल मात्रा में नहीं बल्कि उसके प्रभाव के तौर पर भी करते हैं। हम विकिमीडियन्स की अपनी रुचि के अनुसार योगदान करने की अपरिहार्य स्वतंत्रता का आदर करते हैं तथा उसका समर्थन करते हैं। साथ ही, हम सामूहिक-तौर पर पहचाने गए प्राथमिकता के उन विषयों के कवरेज को सुधारने को भी प्रोत्साहित करेंगे, जो हमारे विश्व को प्रभावित करते हैं तथा लोगों के जीवन को सुधारते हैं। विषयों पर अनुसंधान तथा पहचाने गए अंतरालों के निराकरण के लिए संसाधनों की प्राथमिकता से हासिल समझ के आधार पर सामग्री निर्मित करने के प्रयासों से हमारी परियोजनाएं लाभान्वित होंगी।
परिवर्तन और कार्य
● हमारी सामग्री का प्रयोग कैसे किया जाता है, इस पर अनुसंधान, उसके प्रसार, गुणवत्ता तथा सामग्री की प्रमाणिकता, जन विश्वास तथा उस तक पहुँच पाने और समझ पाने को नापना। यह हमें उन विभिन्न तरीकों की बेहतर समझ देगा, जिससे विकिमीडिया सामग्री लोगों के जीवन को सुधारने के लिए प्रभाव डाल सकती है। ● हानि की संभावना वाले जोखिमों का पता लगाकर यह समझना कि कैसे हमारी परियोजनाओं का दुरुपयोग या अनुचित व्यवहार हो सकता है (जैसे गलत सूचना, झूठी सूचना या धोखाधड़ियां)।
- जिन विषयों का विश्व पर तथा ज्ञान के उपभोक्ताओं पर बड़ा प्रभाव पड़ता है, उन विषय क्षेत्रों को पहचानने के लिए अनुसंधान तथा विश्लेषण आयोजित करना एवं सहयोग करना।
- इसके लिए ऐसे साधन विकसित करने की ज़रूरत पड़ेगी, जो सामग्री का विश्लेषण करें, आंदोलन के हितधारकों के बीच प्रभाव की साझा समझ पैदा करें, तथा विशिष्ट प्रतिभागियों के साथ संबंध विकसित करें।
- परियोजनाओं, प्रतिभागियों तथा स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठता से विषय क्षेत्रों को मैप करें ताकि उनकी विशेषज्ञता से लाभ उठाया जा सके और उनकी स्वायत्तता तथा स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके।
- जिन विषयों का अधिक प्रभाव हो सकता है, उनकी सामग्री की कमियों को पूरा करने के लिए पहल कार्यान्वित करें तथा उनके लिए संसाधनों को प्राथमिकता दें, लेकिन साथ ही हमारे उस दीर्घ-कालिक सिद्धांत का भी सम्मान करें, जो उन सभी का स्वागत करता है जो प्रत्येक परियोजना के दिशानिर्देशों के भीतर किसी विषय पर योगदान देना चाहते हैं। इसमें सामुदायिक पहल, पहुँच, स्टाइपेंड, अनुदान तथा दूसरे फंडिंग, प्रतिभागिता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी द्वारा समर्थित कार्यविधियों का प्रयोग शामिल हो सकता है।
- उन क्षेत्रों में सामग्री निर्माण तथा गुणवत्तायुक्त लेखन की हिमायत करें तथा क्षमता निर्माण करें जहाँ संपादक एवं सामग्री दोनों नदारद हैं (या जहाँ सामग्री में पक्षपात की जानकारी हो), जैसे क्षेत्रीय या विषयक केंद्रों के ज़रिए।
तर्काधार
जिस सामग्री को अतीत में छोड़ दिया गया हो, उसे जोड़ने के प्रयास के बिना ज्ञान की निष्पक्षता हासिल नहीं की जा सकती। इस प्रकार ध्यान देने से हमारे आंदोलन में नई सामग्री और नए प्रयोक्ता आएंगे। बिना इस बात को समझे कि लोगों को उस ज्ञान की ज़रूरत क्यों है जिसका हम उपचार करते हैं, हम अपनी सामग्री को उनके जीवन में उतनी पहुँचने योग्य, समझने योग्य और उपयोगी नहीं बना सकते जितनी वह हो सकती है। इस कारण से, यह ज़रूरी है कि हम सामग्री के विभिन्न प्रकार के प्रभावों पर अनुसंधान करें तथा समुदायों में इसके बारे में जागरूकता लाएं।
हम विभिन्न विषयक क्षेत्रों या विषयों पर ध्यान केंद्रित करने वाली पहलों की तुलना नहीं कर सकते। फिर भी, हम जानते हैं कि कुछ विषय ज्ञान के उपभोक्ताओं को काफी अधिक व्यक्तिगत तथा सामाजिक मूल्य प्रदान कर सकते हैं, और उनके जीवन एवं परिप्रेक्ष्य में सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए लाभकारी हो सकते हैं। कुछ सामग्री ऐसे विषयों से संबंधित होती हैं जो निर्णय लेने के लिए ज़रूरी हैं या इस बात की समझ प्रदान करते हैं कि लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर क्या प्रभावित करता है, जैसे चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार की जीवनी या प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावित क्षेत्र। सामग्री के प्रभाव और प्रासंगिकता पर ध्यान न दे पाने से मुक्त ज्ञान की क्षमता कम हो जाती है तथा उससे हमारे आंदोलन की स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है।